DNS
इंटरनेट पर हम कोई भी वेबसाइट बनाते है तो उसके पिछे एक ip Address होता है |
जब भी हम website को सर्च करते है तो IP address के जरीये ही कनेक्ट होता है |
अपने मोबाइल जो भी contact नंबर हम उस व्यक्ती के नाम से save करते है |
क्योंकी हमे हर किसी का नंबर हम ध्यान मे नही रख सकते है | इसी तरह वेबसाइट नाम हमे याद रखने मे आसानी होती है |
हमे जब भी कोई वेबसाइट create करनी होती है |
सबसे पहले हमे domain Name Purchase करना होता है |
सिर्फ डोमेन नेम purchase करने से हमारी website Live नही हो जाती है |
उसके लिये हमे होस्टिंग purchase करनी पडती है |
वेबसाइट हम जो भी content upload करेंगे वो होस्टिंग पे ही save होता है |
हम जितने डोमेन purchase करते है |
उनका एक IP address होता है |
हम जब भी अपनी website का address web browser मे टाइप करते है |
तो ये वेब ब्राऊजर DNS के IP से connect होता है | तब हम अपने वेबसाइट पे पहुच जाते है |
DNS का फूल फॉर्म Domain Name Server
DNS का Basic काम किसी भी यूजर-फ्रैंडली डोमेन नेम जैसे www.digi-solution.in का Internet Protocol (IP) एड्रेस 167.71.232.29 है |
और इसे नेटवर्क पर एक-दूसरे की पहचान करने के लिए कंप्यूटर द्वारा उपयोग किया जाता हैं।
Example : –
डीएनएस एक इंटरनेट फोन बूक है | हमारा डोमेन नेम www.digi-solution.in है |
ये 167.71.232.29 हमारे वेबसाइट का ip address है |
जब कोई भी user www.digi-solution.in इंटरनेट पर सर्च करता है |
तो वेब ब्राऊजर IP (167.71.232.29) के माध्यम से डोमेन नेम को कनेक्ट करता है | और हमे show करते है |
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